कोरोना के बाद उम्मीदों के साथ आए देशभर* *के षिल्पकार और बुनकर**मिलन महल में 10 दिवसीय कारीगरी शिल्प प्रदर्शनी का षुभारंभ*

कोरोना के बाद उम्मीदों के साथ आए देशभर* 
*के षिल्पकार और बुनकर*
*मिलन महल में 10 दिवसीय कारीगरी शिल्प प्रदर्शनी का षुभारंभ* 
*धार 22 जनवरी 2021* । हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की 10 दिवसीय प्रदर्शनी कारीगरी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में देश के कई राज्यों के शिल्पकार अपनी नायाब कलाकृतियों को लेकर आए हैं। कलाकारों ने खास कलाकृतियां तैयार की है। कारोना काल के बाद ये षिल्पकार बडी उम्मीद के साथ प्रदर्षनी में आए है। 
आयोजक अनंत जीवन सेवा एवं शोध समिति के सुजात खान ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते सभी के रोजगार बंद के चलते आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इसका सीधा असर हाथों से षिल्प बनाने वाले कारीगरों के जीवन पर भी पडा है। आर्थिक संकट से जुझते इन लोगों को विपणन के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने के मकसद से धार षहर में ये प्रदर्षनी आयोजित की गई है।  मिलन महल त्रिमूर्ति चैराहा धार में आयोजित इस प्रदर्शनी का शुभारंभ राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिल्पी यूसुफ कुरैशी के कर कमलों द्वारा हुआ। इसमें 60 से अधिक स्टॉल्स पर शिल्पकारो ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, चेन्नई, उड़ीसा आदि राज्यों के शिल्पकार ने भाग लिया है। सरकार के आत्मनिर्भर अभियान के अंतर्गत लगाई जा रही । 
प्रदर्शनी में बरेली से आए साजिद अपने साथ जरी वर्क बीट वर्क से सजे वस्त्र लाए हैं इन वस्त्रों में उन्होंने काफी सुंदर काम किया है।अहमदाबाद से सरिता बाई अपने साथ गुजराती काथा वर्क, एंब्रायडरी, स्टोन वर्क की गृह सजावट की वस्तुएं लाई है। दिल्ली से आए शिल्पकार अपने साथ स्टोन और ग्लास बीट से सजे ज्वेलरी बॉक्स लाए हैं जो महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वही भदोही के बुनकर अपने साथ अरेबियन शैली के कारपेट लाए हैं। इसके साथ ही प्रदर्शनी में बाग प्रिंट, माहेश्वरी प्रिंट के वस्त्र व बेडशीट भी उपलब्ध हैं। दूधी के चर्म शिल्पकार हाथों से बने शिल्प प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रदर्शनी 2 फरवरी तक चलेगी। कला प्रेमी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित हैं।
 

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